View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2481 | Date: 19-Jun-19981998-06-191998-06-19तू ही मेरे मन का मीत, तू ही मेरे होठो का गीतSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=tu-hi-mere-mana-ka-mita-tu-hi-mere-hotho-ka-gitaतू ही मेरे मन का मीत, तू ही मेरे होठो का गीत,
क्या कहे और हम, के तू ही तो मेरा जीवन संगीत।
बीन तेरे हम तो नही, तू ही तो है मेरी प्रीत,
जीवन संग्राम में जिसे पाना है मुझे, तू ही तो है वह मेरी जीत।
कहने की ये बात नही, के तुमने चुराया है मेरा दिल,
सजा दिया है नगमों से मुझे, के मेरे दिल से गूँज रहा है हरदम नया गीत।
बड़ी अजीब है, बड़ी निराली है तेरे प्यार की रीत,
हारने में भी मज़ा है, तेरे सामने उस में भी मिले हमें हमारी जीत।
कई दिन गवाएँ हमने ऐसे ही, अब हमारी उमरियाँ यूँ ना जाए बीत,
करना है प्यार तुझसे हरदम, यही हमारी मंजिलें प्रीत।
तू ही मेरे मन का मीत, तू ही मेरे होठो का गीत