View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4278 | Date: 13-Oct-20012001-10-132001-10-13आहिस्ता, आहिस्ता हालात बदलते जाते हैंSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ahista-ahista-halata-badalate-jate-haimआहिस्ता, आहिस्ता हालात बदलते जाते हैं,
प्रचंड धूप के बाद बरसात का मौसम आता है ।
ठीक उसी तरह से नजारे बदलते जाते हैं,
हारे हम हिम्मत तो तू ना हमें हारने देता है ।
कभी बनकर सुर, कभी बनकर साज कभी बनकर आवाज,
तो कभी प्रकृति के जरिये कुछ कहे जाता हैं ।
ऐ खुदा हमें तू श्रद्धा सबुरी के सबक सीखाना चाहता है,
हर साँस हमारी हो विश्वास से भरपूर, यही तू चाहता है ।
हमारी कोई कमी तू बरदास्त करना नहीं चाहता है,
हमें पूरी तरह से सुधारना चाहता है, आहिस्ता तू सबकुछ .....
आहिस्ता, आहिस्ता हालात बदलते जाते हैं