View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4330 | Date: 27-Dec-20012001-12-272001-12-27अजी ये काबिले तारीफ नहीं, अजी ये काबिले तारीफ नहींSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=aji-ye-kabile-taripha-nahim-aji-ye-kabile-taripha-nahimअजी ये काबिले तारीफ नहीं, अजी ये काबिले तारीफ नहीं,
अपनी चाहत को इलजामों से नवाजना, अजी ये काबिले तारीफ नहीं ।
फरियादों का लेकर सहारा, अपने प्यार को पुकारना अजी ये काबिले .....
बिना सोचे, बिना समझे, करना किसीपर वार अजी ये काबिले .....
इर्षा की आग लगाके दिल में, किसीके जिगर को जख्मी करना...
मरने मिटने की कसमें खाकर जिक्र बार बार अपना करना ये काबिले .....
हर शक्स में से कुछ नुक्स निकालते रहना अजी ये काबिले तारीफ...
बिना लगाम के आरजूओं पर सवार होकर आँसू बहाना अजी .....
खुदा की मर्जी कहकर अपनी मनमानी करते रहना ये काबिले तारीफ .....
ना करने जैसा करके, फिर दुःखी होना, वो दुःख रहम के काबिल नहीं .....
अजी ये काबिले तारीफ नहीं, अजी ये काबिले तारीफ नहीं