View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2219 | Date: 23-Aug-19971997-08-231997-08-23बात-बात पर यह बेवफाई पर उतर आता है, बात-बात पर यह बेवफा हो जाता है।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=batabata-para-yaha-bevaphai-para-utara-ata-hai-batabata-para-yaha-bevaphaबात-बात पर यह बेवफाई पर उतर आता है, बात-बात पर यह बेवफा हो जाता है।
भूल जाता है प्यार-मोहब्बत कि सारी राहें, ना जाने कहाँ भटकने लगता है।
आशाओं के मिनारों को पल बदलने से पहले ही, ये खंडहर बना देता है।
करे तो कैसे करे तुझे अर्पण ये दिल ऐ खुदा, जो हाथ हमारे नही आता है।
कभी खामोशी में खो जाता है, तो कभी बदनामियों में नाम कर जाता है।
कहे, करे हम कुछ और, ये कुछ नया दौर ही शुरु कर जाता है।
कभी अपनेआप को विश्वास से भर जाता है, तो कभी शंकाओं के शूल चुभो जाता है।
कभी स्वार्थ के रंगो में, तो कभी मोह के तरंगो से, ये बँधा रहता है।
एक को छोड़ दूजे में जो सदा लगा रहता है स्थिर रह नही पाता है।
ऐसे दिल पर अगर हम वफा के चार चाँद लगाना चाहे, तो यह तेरी मदद के बिना नही हो सकता है।
बात-बात पर यह बेवफाई पर उतर आता है, बात-बात पर यह बेवफा हो जाता है।