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Hymn No. 4204 | Date: 26-Jul-20012001-07-262001-07-26भोर भये जब जागे तो, भोर कितनी प्यारी हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=bhora-bhaye-jaba-jage-to-bhora-kitani-pyari-haiभोर भये जब जागे तो, भोर कितनी प्यारी है,
पंछियों की कल कल, कल कल से आदमी की हलचल हलचल।
मंद मंद बहते पवन की सल सल, सल सल,
मन में हमारे तब ना कोई और हलचल ।
खिलते हुए फूलों की मुस्कान मंद मंद,
ऐसे में नाम ले तेरा प्रभु तो भोर और भी सुहानी लगे ।
हमको प्रभु तेरी हाज़री जैसे प्रत्यक्ष लगे,
छेड़े नगमा ऐसे में कोई, तो बोल अपने आप बंधने लगे ।
जैसे हर कार्य में तेरे साथ का अहसास मिले,
ताजगी से भरी खुशियों से भरी भोर कितनी प्यारी लगे ।
भोर भये जब जागे तो, भोर कितनी प्यारी है