View Hymn (Bhajan)

Hymn No. 2525 | Date: 01-Aug-19981998-08-01दिल के जख्मों को हम भूलाना चाहे, पर भूला नही पाते है।https://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=dila-ke-jakhmom-ko-hama-bhulana-chahe-para-bhula-nahi-pate-haiदिल के जख्मों को हम भूलाना चाहे, पर भूला नही पाते है।

कभी हमें लगता है हम भूल गए है, पर हकीकत में ऐसा नही होता है।

पाते है कुछ अनुभव ऐसे, जिससे पता हमें चल जाता है।

सोते हम जब भी तभी ख्वाबों में, जख्म हमारे उभर आते है।

ख्यालों में खो-खोकर के भी, कभी हम वही जाकर रूक जाते है।

दिल के जख्म कभी हमारी रूकावट की निशानी बन जाते है।

पर बार-बार करे अगर उनपर गौर, तो नासूर वह बन जाते है।

कितना भी करे जतन, पर इन जख्मों को सी हम नही पाते है।

यही हकीकत है, के यह हमें अलग-अलग तरह से सताते है।

दिल के जख्मों को हम भूलाना चाहे, पर भूला नही पाते है।

View Original
Increase Font Decrease Font

 
दिल के जख्मों को हम भूलाना चाहे, पर भूला नही पाते है।

कभी हमें लगता है हम भूल गए है, पर हकीकत में ऐसा नही होता है।

पाते है कुछ अनुभव ऐसे, जिससे पता हमें चल जाता है।

सोते हम जब भी तभी ख्वाबों में, जख्म हमारे उभर आते है।

ख्यालों में खो-खोकर के भी, कभी हम वही जाकर रूक जाते है।

दिल के जख्म कभी हमारी रूकावट की निशानी बन जाते है।

पर बार-बार करे अगर उनपर गौर, तो नासूर वह बन जाते है।

कितना भी करे जतन, पर इन जख्मों को सी हम नही पाते है।

यही हकीकत है, के यह हमें अलग-अलग तरह से सताते है।



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


dila kē jakhmōṁ kō hama bhūlānā cāhē, para bhūlā nahī pātē hai।

kabhī hamēṁ lagatā hai hama bhūla gaē hai, para hakīkata mēṁ aisā nahī hōtā hai।

pātē hai kucha anubhava aisē, jisasē patā hamēṁ cala jātā hai।

sōtē hama jaba bhī tabhī khvābōṁ mēṁ, jakhma hamārē ubhara ātē hai।

khyālōṁ mēṁ khō-khōkara kē bhī, kabhī hama vahī jākara rūka jātē hai।

dila kē jakhma kabhī hamārī rūkāvaṭa kī niśānī bana jātē hai।

para bāra-bāra karē agara unapara gaura, tō nāsūra vaha bana jātē hai।

kitanā bhī karē jatana, para ina jakhmōṁ kō sī hama nahī pātē hai।

yahī hakīkata hai, kē yaha hamēṁ alaga-alaga taraha sē satātē hai।