View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 382 | Date: 24-Sep-19931993-09-241993-09-24जग में लगा हुआ है मेला, इस मेले में तू है अकेलाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=jaga-mem-laga-hua-hai-mela-isa-mele-mem-tu-hai-akelaजग में लगा हुआ है मेला, इस मेले में तू है अकेला,
क्यों करे झूठा झमेला, जब तू है अकेला ।
ना कोई साथी, ना कोई यार, झूठा सारा रिश्तों का मेला,
आया तू अकेला है, जाएगा अकेला, ना आया ना आएगा कोई साथ तो तेरे ........
क्यों बाँधकर पार रिश्तों की, तू बँधा हुआ जीवन गुजारे, ना कोई साथी, ........
मेरा-मेरा करके हरपल तू क्यों मरता है, जब सिवाय प्रभु के ना कोई तेरा है,
बाँधकर उम्मीदों के पहाड़, तू क्यों रुक जाए, जब जीवन तो तेरा पानी का रेला है ।
क्यों लगाए माया झूठी इस जग से, जब जीवन एक रैन-बसेरा है,
शक्ति से भरा हुआ सुगंध, बिखराता जीवन तो तेरा एक सवेरा है ।
सुख-दुःख का बड़ा झमेला जहाँ, जहाँ शांति का देश है ।
जग में लगा हुआ है मेला, इस मेले में तू है अकेला