View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 383 | Date: 24-Sep-19931993-09-241993-09-24जलते जलते ज्योत तो आखिर बुझ गईSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=jalate-jalate-jyota-to-akhira-buja-gaiजलते जलते ज्योत तो आखिर बुझ गई,
बनते बनते बात तो अधूरी रह गई।
हुई थी शुरुआत जिसकी, अंत उसका तो आ गया,
थी कुछ तलाश वह तो अधूरी रह गई ।
प्रकाश देकर वह फिर अँधेरा कर गई,
और कुछ दिया ना दिया, सुख-दुख का अनुभव दे गई ।
ढूँढने आये थे जिसे, खोज उसकी अधूरी रह गई ।
सात रंगों में रंगकर भी, वह तो प्रकाश दे गई ।
जलकर खुद वह तो अपना कर्ज पूरा कर गई।
खुद जलकर वह सबको प्रकाश तो दे गई ।
जलते जलते ज्योत तो आखिर बुझ गई