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Hymn No. 4356 | Date: 28-Mar-20022002-03-282002-03-28जाना मैंने तुझे फिरभी रहा तू अंजाना, फिरभी रहा तू अंजानाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=jana-mainne-tuje-phirabhi-raha-tu-anjana-phirabhi-raha-tu-anjanaजाना मैंने तुझे फिरभी रहा तू अंजाना, फिरभी रहा तू अंजाना,
चाहा मैंने बहुत पर न मैं समझा, जरा तू मेरे मनको समझाना ....(२)
करीब रहा तू सदा मेरे फिर भी दूरी ना मिटा पाया कि जाना मैंने .....
अपने आप को तुझसे जूदा माना, अंजान माना,
खुद का खुदा ना जान पाया, जाना मैंने तुझे ......
अपने मैं में खोता रहा, तेरे प्यार में भूलता रहा......
फिर अपने मैं के सायें को ना छोड सका, जाना मैंने तुझे .......
दलदल में यू ही फसता रहा, अपने आप में खोता रहा,
जानकर भी अंजान बनता रहा, आखिर अंजाना तुझे कहता रहा।
जाना मैंने तुझे फिरभी रहा तू अंजाना, फिरभी रहा तू अंजाना