View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1161 | Date: 20-Jan-19951995-01-201995-01-20कहना तू मुझे कुछ चाहता हैं, मैं समझ नहीं पाता हूँSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kahana-tu-muje-kuchha-chahata-haim-maim-samaja-nahim-pata-humकहना तू मुझे कुछ चाहता हैं, मैं समझ नहीं पाता हूँ,
वही पर मैं तुझसे झगड़ने लगता हूँ।
वैसे भी सोच बहुत ही कम है, मेरी समझदारी तो बहुत कम हैं मुझ में,
समझदारी भी चली जाती हैं जब क्रोध मुझे आता है।
तुझसे प्रार्थना करने की जगह , तुझसे झगड़ने मैं लगता हूँ,
रहकर तुझ संग भी, अपना समय व्यर्थ गवा मैं देता हूँ।
करना नही चाहता हूँ यह लडाई, पर अपनेआप से जब में बाहर हो जाता हूँ,
बस तभी ये गलती मैं कर जाता हूँ, मैं तुझसे झगड़ने लगता हूँ।
ना खुद चैन से जीता हूँ, ना तुझको जीने देता हूँ,
बस हर बात कोई फरियाद लेकर तेरे पास मैं आ जाता हूँ, .....
कहना तू मुझे कुछ चाहता हैं, मैं समझ नहीं पाता हूँ