View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4447 | Date: 18-Jan-20152015-01-182015-01-18खाली पैमाने में क्या मिला दिया, साकी ने जामे मुहब्बत पिला दिया ..... (1)Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=khali-paimane-mem-kya-mila-diya-saki-ne-jame-muhabbata-pila-diyaखाली पैमाने में क्या मिला दिया, साकी ने जामे मुहब्बत पिला दिया ..... (1)
छाया ऐसा नशा के होश अपना भुला दिया ...
आखें बरसें, दिल झूम रहा, हाल ये हमारे हमें पहचानने न दिया,
मदहोशी का आलम कहे, कि जन्नते सुरूर हमें कुछ पता न चला।
होता गया कुछ कुछ ऐसा क्या करना मुश्किल हो गया,
न लड़खड़ाये कदम, न बहके होश हमारे, के जामे मुहब्बत ...
असर हुआ कुछ ऐसा रूप रंग हमारा बदल गया, साकी ने ...
असरे जाम का अन्जाम सुधबुध कुछ न रही कि खाली...
नजरों में छाया सुरूर ऐसा हर नजारे में तू दिखने लगा,
रंग रूप खुदका भी भुला दिया, साकी ने जाम मुहब्बत पिला दिया।
खाली पैमाने में क्या मिला दिया, साकी ने जामे मुहब्बत पिला दिया ..... (1)