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Hymn No. 4448 | Date: 18-Jan-20152015-01-182015-01-18तेरी रहमत की अनामत अगर पाले कोई फिर वो तो है सलामतSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=teri-rahamata-ki-anamata-agara-pale-koi-phira-vo-to-hai-salamataतेरी रहमत की अनामत अगर पाले कोई फिर वो तो है सलामत,
फिर वो है सलामत, फिर वो है सलामत, वही तो है सलामत।
आ जाती है उसमें सारी करामात, जाग जाती है दिल लुभाने वाली नजाकत,
तेरी रहमत की अमानत है सबसे बड़ी दुनिया की दौलत।
पूरी कायनात में उसे हासिल है हरपल तेरी हिफाज़त,
छा जाती है मस्ती हरपल, जाग जाती है ऐसी शरारत।
मिट जाते हैं रंजोगम सारे, पा कर तेरी मुहब्बत,
बदलने लगते हैं सारे नजारे पाते ही तेरी करामात।
डर मिट जाते हैं सारे, सजती है मुस्कुराहट की महफिल,
अंतर आनंद की खुलने लगती है सारी खीडकियाँ, तेरी ....
तेरी रहमत की अनामत अगर पाले कोई फिर वो तो है सलामत