View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2464 | Date: 11-Jun-19981998-06-111998-06-11खुदा तेरी अदालत में तो सिर्फ तेरी इबादत होती हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=khuda-teri-adalata-mem-to-sirpha-teri-ibadata-hoti-haiखुदा तेरी अदालत में तो सिर्फ तेरी इबादत होती है,
होता नही है वहाँ कोई जिक्र या झगड़ा, वहाँ सिर्फ इबादत होती है।
करते है जो सच्चे मन से तेरी इबादत, उन्हें तेरी अदालत की परवानगी मिलती है,
होती नही है वहाँ कोई, मेरी तेरी ना कोई मारामारी होती है।
जग को भुलाकर जो अपने करे याद तुझे, उसकी गँवाही खुदा तू देनी है,
चाहे रहे फिर वह इस जहाँ में कही भी, पर खुदा उसकी वकालत तू करता है।
चाहे उसे कुछ आए ना आए, पर जो तुझे अपने सच्चे दिल से याद करता है,
आ जाता है उसे सबकुछ के जिसके मुँह से खुदा तू बोलता है।
आते है जो तेरी अदालत में, उन्हें इन्साफ जरूर मिलता है,
एक नही दो नही, सैकड़ों जन्मों के बँधनो को तोड़ के आजादी उन्हें तू देता है।
खुदा तेरी अदालत में तो सिर्फ तेरी इबादत होती है