View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2023 | Date: 03-Mar-19971997-03-031997-03-03ख्वाबोंसे है हमें बहुत प्यार, पर अब हकिकत से भी इकरार करना है।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=khvabonse-hai-hamem-bahuta-pyara-para-aba-hakikata-se-bhi-ikarara-karanaख्वाबोंसे है हमें बहुत प्यार, पर अब हकिकत से भी इकरार करना है।
ख्वाब तो है दो-चार पल का मेहमान, हमें तो हकिकत के संग ही जीवन बिताना है|
ठुकरा चुके बहुत हकिकतों को अब और ना ठुकराना है|
ख्वाब में रहना लगता है अच्छा, फिर भी ख्वाब से कुछ नही होता है|
बहुत रहे चुके अब झूठी तसल्ली में, हमको ना रहना है, हमें ना जीना है|
कैसी भी हो, पर हरहाल में हमें हकिकतों का संग निभाना है|
करना है सामना अपने हालात से टूटकर बिखर जाना नही है|
क्या करे, क्या नही, पता नही इस बात का पर इस बात का पता करना है|
बहुत रहे चुके मझधार में, अब किनारे कि ओर भी जाना है|
वक्त के दिए हरेक पल के साथ, न्याय हमें तो करना है|
ख्वाबोंसे है हमें बहुत प्यार, पर अब हकिकत से भी इकरार करना है।