View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2327 | Date: 25-Oct-19971997-10-251997-10-25किया है इस जीवन को अर्पण मैंने तुझे, तू इसका स्वीकार करना।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kiya-hai-isa-jivana-ko-arpana-mainne-tuje-tu-isaka-svikara-karanaकिया है इस जीवन को अर्पण मैंने तुझे, तू इसका स्वीकार करना।
जिस तरह से चाहे, उस तरह से मुझे तू जीना सीखा देना।
तेरी मर्जी के खिलाफ नही, तेरी मर्जी के मुताबिक मुझे जीने देना।
जो भी करना हो वह कर लेना, जो भी सुधारना हो सुधार लेना।
फिर मुझे नही कहना तुमने ये नही किया, तुमने वह नही किया।
मेरी सारी कमीयोको निकाल बाहर तू कर देना।
फिर ना कहना तुझमें ये कभी है, तुझमें वह कमी है।
जो भी करना है उसे अभी और इसी वक्त कर देना।
देर कर दी है आने में तेरे पास मैंने, फिर ऐसा ना कहना।
अगर ना किया हो अर्पण पूरी तरह से, तो वह तू सीखा देना।
पर फिर ना कहना, कि बार-बार मुझे है जीना-मरना।
किया है इस जीवन को अर्पण मैंने तुझे, तू इसका स्वीकार करना।