View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1152 | Date: 17-Jan-19951995-01-171995-01-17मेरी कमजोरियाँ ही बन गई हैं मेरी मजबूरियाँ, अब मैं क्या करूँ, अब मैं क्या करूँ?Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=meri-kamajoriyam-hi-bana-gai-haim-meri-majaburiyam-aba-maim-kya-karumमेरी कमजोरियाँ ही बन गई हैं मेरी मजबूरियाँ, अब मैं क्या करूँ, अब मैं क्या करूँ?
मिलता था चैन जिस में दर्द उस में मिला अब, मैं क्या करूँ .....
था दोस्त जो मेरा बन गया हैं अब दुश्मन मेरा, तो अब मैं क्या करूँ .....
कहाँ जाऊं मैं कोई बताए क्या करूँ, हैं हालत बुरी मेरी, अब मैं क्या करूँ?
करना चाहता हूँ जो नही वह कर पाता हूँ, तो अब मैं क्या करूँ?
कमजोरियाँ मिट़ाने के लिए, ताकत बढ़ाने के लिए, मैं क्या करूँ ?
नहीं लगती जो अच्छी, ऐसी मजबूरियों को मिट़ाने के लिए क्या करूँ?
चैन से जीने के लिए चैन पाने के लिए कह दे कोई, मैं क्या करूँ?
बेबसी अपनी मिट़ाने के लिए, मैं क्या करूँ, मैं क्या करूँ?
नादानियों से पीछा चाहता हूँ छूड़ाना, तो मैं क्या करूँ, मैं क्या करूँ?
मेरी कमजोरियाँ ही बन गई हैं मेरी मजबूरियाँ, अब मैं क्या करूँ, अब मैं क्या करूँ?