View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1149 | Date: 15-Jan-19951995-01-151995-01-15माया से बँधे हम बहुत मजबूर इसलिए हीSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=maya-se-bandhe-hama-bahuta-majabura-isalie-hiमाया से बँधे हम बहुत मजबूर इसलिए ही,
खुदा पास होकर भी हमसे कितना दूर हैं ।
कर दिया कितना माया ने हमको चकनाचूर हैं, कि खुदा .....
माया के रंग से रंग गए हैं इतना, कि भूल गए खुद का नूर हैं, कि खुदा .....
मजबूर हैं हम तो, खुदा भी कितना मजबूर हैं।
देखो तो ये माया का खेल, की पास होकर भी दूर हैं।
मिलकर एक-दूजे से भी एक-दूजे से अनजान हैं।
ख्वाइशों के पीछे भट़कते हम, खुदा से हो जाते दूर हैं।
भूल जाते हैं हम खुदा की खुदाई, माया से इतने हम मजबूर हैं।
जानते हैं यह हम फिर भी देखो, हैं अनजान हम।
माया से बँधे हम बहुत मजबूर इसलिए ही