View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4285 | Date: 16-Oct-20012001-10-162001-10-16ना कामियाबी का दर खुला जहाँ, जमाने को वहाँ मौका मिल गयाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=na-kamiyabi-ka-dara-khkoula-jaham-jamukane-mila-gayaना कामियाबी का दर खुला जहाँ, जमाने को वहाँ मौका मिल गया,
ना नज़र आया उसमें कोई हुनर, बस ऐब से भरा खजाना मिला,
कभी मुरझाया कोई दिल, कभी खिला पर जमाने का कारवाँ यूँही चलता रहा,
कभी खुशी, तो कभी गम का समाँ बंधता ही चला गया,
बिना सोचे, बिना समझे, ना कामियाबी को लोगोंने इलजाम से नावाज दिया,
अच्छी खासी एक हस्ती को तमाशे में बदल दिया,
पता ना चला आखिर सबने किया तो ऐसा क्यों किया?
जिससे ना था लेना देना वो भी अपना मश्वरा आकर देता गया ।
जो था समझदार उसने रुख अपना बदल दिया,
दिल के कमजोरों को इस जमाने ने वहीं का वहीं खतम कर दिया ।
ना कामियाबी का दर खुला जहाँ, जमाने को वहाँ मौका मिल गया