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Hymn No. 4895 | Date: 16-Mar-20212021-03-162021-03-16पता नहीं पाते हैं अपना गम उसको दौंहराते रहते हैंSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=pata-nahim-pate-haim-apana-gama-usako-daunharate-rahate-haimपता नहीं पाते हैं अपना गम उसको दौंहराते रहते हैं,
पता नहीं पा सकते हैं अपना, उसकी खुशी में रहना चाहते हैं।
समय बीत रहा है, कभी सुबह कभी शांम, पर उसका हमें पता न रहता हैं,
ना पता चले समय का, कोई बात नहीं तुझमें इस तरह खो जाना चाहता है,
के देख के हमको, तू भी मुस्कुराते रहना चाहता है ।
खोज के कोई चिल्लाए, हम तुझमें इस तरह खो जाना चाहते हैं,
के पूछे कोई अगर हमें पता अपना तो अपनी पहचान तू ढूंढना चाहता है ।
कोई हँसे हम पर, कोई खिल्ली उड़ाए, कोई हमारी मस्ती उड़ाए,
सह सकता है तू सब कुछ, पर तू ये न सह सकता है
पाना है हमें जो वो तो पाऐंगे हम, वो तो ठान के रखना
कोई मस्ती करे, या कोई मजाक करे उससे हमारी रफ्तार कम न हो सके
चाहते हैं हम पूरे दिल से हासिल तुझे करके अलगता तेरी मेरी मिटाना चाहते हैं
खो जाएँ हम इस तरह तुझमें, कुछ इस तरह खो जाए
की दो नहीं एक है हम दुनिया के मुंह से सुनना चाहते है ।
पता नहीं पाते हैं अपना गम उसको दौंहराते रहते हैं