View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1192 | Date: 27-Feb-19951995-02-271995-02-27फूलों की इस दीवानी दुनिया में, फूलों को ही सब चाहते हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=phulom-ki-isa-divani-duniya-mem-phulom-ko-hi-saba-chahate-haiफूलों की इस दीवानी दुनिया में, फूलों को ही सब चाहते है,
नही मिलता खरीदार कोई, फिर भी काँटे ही बेचते जाते है।
चाहते है खुद भी फूल खरीदना, फूल बड़े अच्छे लगते हैं,
पर फिर भी काँटे बेचने से बाज हम नही आते हैं।
नही है कोई लगाव काँटों से, फिर भी काँटे ही हम बेचते रहते हैं,
कोमलता और सुगंध फूलों की, मन हमारा मोह लेती है,
फिर भी काँटों के बंझर में, ना जाने हम क्या ढूँढते हैं,
कि छोड के फूलों का व्यापार, काँटे ही बेचते जाते हैं।
होता है बड़ा ही नुकसान, पर धंधा फिर भी हम करते हैं ,
खुद पाना चाहते हैं प्यार सबका, पर हैरान सबको हम करते रहते हैं ।
फूलों की इस दीवानी दुनिया में, फूलों को ही सब चाहते है