View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2877 | Date: 16-Oct-19981998-10-161998-10-16प्रभु तेरी माया की रस्मों-रिवाज को हम समझके भी समझना पाएSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=prabhu-teri-maya-ki-rasmomrivaja-ko-hama-samajake-bhi-samajana-paeप्रभु तेरी माया की रस्मों-रिवाज को हम समझके भी समझना पाए,
चाहे दिल हमारा आजादी से जीना, पर बंधनों को ना ये तोड़ पाए,
पल दो के लिए नाराजगी जताए, बाकी तो ये यही पाए।
बंधनों की मिठास लगे इसे प्यारी, के ये मिठास में घुलता जाए,
आजादी तो लगे इसे बहुत प्यारी, के ये अपनेआप को करना आजाद चाहे ।
पर बंधनों के सामने ये हिम्मत जूटा ना पाए, प्रभु तेरी माया की,
प्रभु चाहे हम तेरे बंधन में, पर ये तो कई बंधन में उलझना चाहे।
खयालों और भावों से ये कभी बच ना पाए,
चाहे कभी ये रहना अकेला, पर ये कभी अकेला ना हो पाए,
बंधनों के साथ रहे हरपल, के ये अलिप्त हो ना पाए ।
प्रभु तेरी माया की रस्मों-रिवाज को हम समझके भी समझना पाए