View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1965 | Date: 30-Jan-19971997-01-301997-01-30सैकड़ों रूपो में तू सामने आता रहा, प्रभु फर्क ना हमें पड़ाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=saikadaom-rupo-mem-tu-samane-ata-raha-prabhu-pharka-na-hamem-padaaसैकड़ों रूपो में तू सामने आता रहा, प्रभु फर्क ना हमें पड़ा,
पर एक रूप ऐसा तेरा नजर के सामने आया, कि मेरा चैन चुरा गया,
घायल कर गया मुझको, प्रीत कि ज्योत दिल में जगा गया,
लूटते गए हमतो इस तरह, कि लूटते-लूटते आबाद हो गए।
मन मोह लिया मेरा तुने आखिर मुझे अपना दीवाना बना दिया।
समा गया नजरों से कब दिल में, पता इसका ना चला।
ना जाने कैसे दिल मेरा तुने चुराया, मैं तो इस बात से अनजान रह गया।
प्रभु करना था तुझे वह तुने आखिर तो करके दिखा दिया।
खींचना था अपनी ओर खींचकर, मुझे भटकने से बचा लिया।
ना जाने कब के टूटे रिश्ते को, तू फिर से जोड़ गया
सैकड़ों रूपो में तू सामने आता रहा, प्रभु फर्क ना हमें पड़ा