View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1874 | Date: 24-Nov-19961996-11-241996-11-24समझ नही पाया हूँ जहाँ मैं अपनेआप को ठीक सेSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=samaja-nahi-paya-hum-jaham-maim-apaneapa-ko-thika-seसमझ नही पाया हूँ जहाँ मैं अपनेआप को ठीक से,
वहाँ कोई अन्य मुझे समझे, ये तमन्ना जगाए बैठ़ा हूँ|
कितना पागल हु कि अपना काबू गुमाये बैठ़ा हूँ,
अपनेआप को औरों के हवाले करके सोचता हूँ|
औरों कि खबर में, खुद से खुद बेखबर रहा हूँ,
सबके इशारे पर, नए-नए नाच मैं नाचता जा रहा हूँ|
नहीं है अपनी कमी का एहसास, सबसे फरियाद कर रहा हूँ,
जो पाना है मुझे जीवन में, उसे भूलाए बैठ़ा हूँ|
सत्य को तो समझा नही अपनेआप को झूठे दिलासे देता रहता हूँ,
खुदा तेरी खुदाई में खोने कि जगह, अहंकार में भान भूलाए बैठ़ा हूँ|
समझ नही पाया हूँ जहाँ मैं अपनेआप को ठीक से