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Hymn No. 4239 | Date: 16-Aug-20012001-08-162001-08-16समझने जब हम बैठे, समझ नहीं पाते हैंSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=samajane-jaba-hama-baithe-samaja-nahim-pate-haimसमझने जब हम बैठे, समझ नहीं पाते हैं,
जलवे तेरे ऐ खुदा, जानकर भी, पहचान नहीं पाते हैं ।
करें जब कोशिश तुझमें समाने की, तो कुछ समझ पाते है,
कैसे कहें, क्य़ा कहें, तेरी रीत रस्म का अंदाजा नहीं पाते हैं ।
कुछ करें, कुछ पायें, हर वक्त सोचते रहे जाते हैं ।
जहाँ समझे ना समझे कुछ, वहाँ सैकड़ों सवाल आ जाते हैं,
पर सारे सवाल मिट जाते हैं, जब प्यार करने तुझे लग जाते हैं ।
कैसी तेरी लीला प्रभु, कि तेरी चाल को जान नहीं पाते हैं,
तू है कितना प्यारा, बयाँ करना भी हमें नहीं आता है,
चुराके दर्द मुस्कुराहट से हमको भरदेता है, जलवे तेरे .....
समझने जब हम बैठे, समझ नहीं पाते हैं