View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4242 | Date: 18-Aug-20012001-08-182001-08-18सँभालके आगे बढ़ना, किसी और का नहीं, खयाल अपना रखनाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=sambhalake-age-badhana-kisi-aura-ka-nahim-khayala-apana-rakhanaसँभालके आगे बढ़ना, किसी और का नहीं, खयाल अपना रखना,
कि कहीं फिरसे वही डगरिया पर जा खड़ा हो जाना ना पड़े ।
अपनी इच्छाओं की डोर तुम अपने हाथ में ही रखना,
किसीको भी तुम अपने मुताबिक चलने को ना कहना ।
अपने दिल की आरजूओं को तुम सँभालना सिखना,
जहाँ खुद पर ही नहीं कबजा, वहीं औरों पर कबजा करना ना सोचना ।
सँभल जाना, सुधर जाना अपने आपको, ये करते हुए तुम रोकना,
अपेक्षाओं की डोर को तुम हमेशा कम ही कम करते जाना ।
फरियादों और इलजामों को अपने आपसे निकाल बहार करना,
गंदगी में नहीं, तुम सदा मधुबन में रहना सीखना, के सँभालके .....
सँभालके आगे बढ़ना, किसी और का नहीं, खयाल अपना रखना