Share हो जाए खुदा तेरी मेहर, फिर क्या बात है? हो जाए ख़त्म सज़ा, फिर क्या बात है?- संत श्री अल्पा माँ हो जाए खुदा तेरी मेहर, फिर क्या बात है? हो जाए ख़त्म सज़ा, फिर क्या बात है? - संत श्री अल्पा माँ Previous हो खुदा जब तू खुश Next हो नज़ारे कितने भी हसीन नजर में, कैद नहीं हो सकते है ।