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Hymn No. 4228 | Date: 05-Aug-20012001-08-05आकांक्षाओं के पंख लगाये मन उड़ता जाये, मन उड़ता जायेhttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=akankshaom-ke-pankha-lagaye-mana-udata-jaye-mana-udata-jayeआकांक्षाओं के पंख लगाये मन उड़ता जाये, मन उड़ता जाये,

तमन्नाओं के घरोंदे बनाता ही जाये कि मन का पंछी उड़ता जाये ।

शुरु हो पुरूषार्थ कुछ पाने का, उससे पहले ये कुछ और चाहे,

कैसे पाये कुछ एकपल भी कहीं ये चैन से ठहर ना पाये ।

आकांक्षाओं के पर इसके पल पल बढ़ते ही जाये कि उड़ता ही जाये,

पाना चाहे चैनोंअमन पर कोई बतलाये कैसे ये चैनोअमन पाये ।

स्थिरता को ये अपने जहन में बसाना ना चाहे कि अस्थिरता में ही उड़ता जाये,

हजारों माँगें वो मांगे एकसाथ, कैसे वो जीवन में कुछ पावे,

बाँवरा कहूँ इसे या पगला या फिर कुछ और इसमें कुछ फर्क ना आये,

पाना चाहे सबकुछ पर पाने की रीत ये जानकर भी जानना न चाहे,

कैसे ये अपना अंजाम पाये, कैसे ये सुकून पाये, कि जहाँ ये ......

आकांक्षाओं के पंख लगाये मन उड़ता जाये, मन उड़ता जाये

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आकांक्षाओं के पंख लगाये मन उड़ता जाये, मन उड़ता जाये,

तमन्नाओं के घरोंदे बनाता ही जाये कि मन का पंछी उड़ता जाये ।

शुरु हो पुरूषार्थ कुछ पाने का, उससे पहले ये कुछ और चाहे,

कैसे पाये कुछ एकपल भी कहीं ये चैन से ठहर ना पाये ।

आकांक्षाओं के पर इसके पल पल बढ़ते ही जाये कि उड़ता ही जाये,

पाना चाहे चैनोंअमन पर कोई बतलाये कैसे ये चैनोअमन पाये ।

स्थिरता को ये अपने जहन में बसाना ना चाहे कि अस्थिरता में ही उड़ता जाये,

हजारों माँगें वो मांगे एकसाथ, कैसे वो जीवन में कुछ पावे,

बाँवरा कहूँ इसे या पगला या फिर कुछ और इसमें कुछ फर्क ना आये,

पाना चाहे सबकुछ पर पाने की रीत ये जानकर भी जानना न चाहे,

कैसे ये अपना अंजाम पाये, कैसे ये सुकून पाये, कि जहाँ ये ......



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


ākāṁkṣāōṁ kē paṁkha lagāyē mana uḍa़tā jāyē, mana uḍa़tā jāyē,

tamannāōṁ kē gharōṁdē banātā hī jāyē ki mana kā paṁchī uḍa़tā jāyē ।

śuru hō purūṣārtha kucha pānē kā, usasē pahalē yē kucha aura cāhē,

kaisē pāyē kucha ēkapala bhī kahīṁ yē caina sē ṭhahara nā pāyē ।

ākāṁkṣāōṁ kē para isakē pala pala baḍha़tē hī jāyē ki uḍa़tā hī jāyē,

pānā cāhē cainōṁamana para kōī batalāyē kaisē yē cainōamana pāyē ।

sthiratā kō yē apanē jahana mēṁ basānā nā cāhē ki asthiratā mēṁ hī uḍa़tā jāyē,

hajārōṁ mām̐gēṁ vō māṁgē ēkasātha, kaisē vō jīvana mēṁ kucha pāvē,

bām̐varā kahūm̐ isē yā pagalā yā phira kucha aura isamēṁ kucha pharka nā āyē,

pānā cāhē sabakucha para pānē kī rīta yē jānakara bhī jānanā na cāhē,

kaisē yē apanā aṁjāma pāyē, kaisē yē sukūna pāyē, ki jahām̐ yē ......