View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1553 | Date: 15-Jun-19961996-06-151996-06-15आखिर रोता है अभिमान, सदा मुस्कुराता है भगवान रे।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=akhira-rota-hai-abhimana-sada-muskurata-hai-bhagavana-reआखिर रोता है अभिमान, सदा मुस्कुराता है भगवान रे।
चुनना है जो तुझे वह चून ले, ना बनना तू नादान रे।
रोना है तुझे जीवनभर या मुस्कुराना, फैसला है तेरे हाथ रे।
आखिर हारता है अभिमान, सदा जीतता है भगवान रे।
ना जान झूठी शान, पर रखना याद सदा तू अपना अंजाम रे।
ना गवाँना व्यर्थ समय तू अपना, ना लगाना बहुत देर रे।
ना जाना अहंकार का जाम पीने वरना लूट़ जाएगा तू तमाम रे।
पकड़ ले हाथ एक बार प्रभुका, भवसागर करेगा तू पार रे।
तेरे अहंकार की ही देन है, ये तेरा दुःखी आज रे।
लगा के मन तू अपना प्रभु में हो जा तू समय से पार रे।
आखिर रोता है अभिमान, सदा मुस्कुराता है भगवान रे।