View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1779 | Date: 30-Sep-19961996-09-301996-09-30अपने मुकद्दर का बादशाह बन, गुलाम बनकर जीना छोड़ दे|Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=apane-mukaddara-ka-badashaha-bana-gulama-banakara-jina-chhoda-deअपने मुकद्दर का बादशाह बन, गुलाम बनकर जीना छोड़ दे|
कर हुकूमत तु अपने मुकद्दर पर, गुलामी इसकी तू छोड़ दे|
है तुझसे तेरा मुकद्दर, मुकद्दर से नही है तू, इस बात पर गौर कर ले|
समझ ले जो समझना है, नासमझी से नाता अपना तोड़ दे|
रख खुद पर ऐतबार दिल से, डर को तू निकाल दे|
जो भी होगा देखा जाएगा, सबकुछ खुदा के हवाले छोड़ दे|
क्या करना है क्या नही, इस बात को तू जान ले|
तोड़कर सारे बंधन, अपनेआप को कैद से मुक्त तू कर ले|
वर्षों की आदतें पड़ी हुई है जो, उन्हें जरा तू सुधार ले|
मर मर के नही, जिंदादिल बनकर जीना तू सीख ले|
अपने मुकद्दर का बादशाह बन, गुलाम बनकर जीना छोड़ दे|