View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2337 | Date: 30-Nov-19971997-11-301997-11-30अपनेआप की पूरी खबर तो नही, अपनेआप से बेखबर भी नहीं।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=apaneapa-ki-puri-khabara-to-nahi-apaneapa-se-bekhabara-bhi-nahimअपनेआप की पूरी खबर तो नही, अपनेआप से बेखबर भी नहीं।
जी रह है हम कुछ इस तरह, पर अपने अरमानों से अनजान तो नहीं।
चाहते है हर पल कुछ अपनी, चाहतों से अब तक आजाद तो नहीं।
कहे क्या, क्या बयाँ करे, के सबकुछ याद करके भी याद कर पाते नहीं।
बदले है कुछ भाव अपने, अभी खुद को पूरी तरह बदल पाए नहीं।
दर्द के शिकार है हम, दर्द का शिकार अब तक तो हम कर पाते नहीं।
कैसे ख्याल है? कैसी है उलझने? जिन्हें हम जान पाते नहीं।
कभी ख्वाइशों में खोए, कभी भावनाओं में भी खोए बिना रहते नहीं।
कायम है दीवार अब तक मंजिल और हमारे बीच में, उसे गिरा पाते नहीं।
करना है क्या, क्या कर रह है, इसका पता करके भी पता कर पाते नहीं।
अपनेआप की पूरी खबर तो नही, अपनेआप से बेखबर भी नहीं।