View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4310 | Date: 29-Oct-20012001-10-292001-10-29अश्कों से अपना दामन भिगाना नहीं चाहते हैंSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ashkom-se-apana-damana-bhigana-nahim-chahate-haimअश्कों से अपना दामन भिगाना नहीं चाहते हैं,
छोड़ के सारी आवारगी, तेरी बंदगी करना चाहते हैं,
माना तेरा है सबकुछ, ना कुछ हमारा यहाँ है,
पर तमन्ना जगी है दिल में, तुझे कुछ देना चाहते हैं,
उलझे हुए हैं कुछ उलझनों में ऐसे, पहले सुलझाना चाहते है,
प्यार भरा अपना दिल, तेरे कदमों में रखना चाहते हैं,
आश निराशा की दौर को तोड़ के, तेरे रंग में रंगना चाहते हैं,
बहुत सताया अपने आपको अब ना और सताना है,
मिटाकर सारी दुविधाओं को हमें इस पार जाना है,
खामोशी भरे जाम पीकर हमें गहराई में तेरी डूब जाना है ।
अश्कों से अपना दामन भिगाना नहीं चाहते हैं