View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4385 | Date: 22-Mar-20032003-03-222003-03-22बदलते-बदलते भी बदल पाते नहीं, देते देते तुझे कुछ दे पाते नहींSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=badalatebadalate-bhi-badala-pate-nahim-dete-dete-tuje-kuchha-de-pate-nahimबदलते-बदलते भी बदल पाते नहीं, देते देते तुझे कुछ दे पाते नहीं,
चाहतें बढ़ती हैं इतनी कि चाह के भी ये कम होती नहीं, बदलते .....
लगाव इतना बढ़ गया है राह से कि आगे बढ़कर भी बढ़ना नहीं,
पता नहीं वफा क्या है कि जानकर भी अभी कुछ समझ में आया नहीं,
दुःख दर्द से जी को छुड़ाना नहीं, या रंजों गम से मुँह मोड़ना नहीं,
बढ़ना है आगे पर ना कोई तैयारी सिर्फ सोचने से कुछ होता नहीं,
संजोगों के सामने तूफां बनकर छाना तो हमने सिखा नहीं,
क्या करें कुछ हम, कि आरजूओं को अपनी, हमने पूरी तरह पहचाना नहीं,
बहाव में आरजुओं के खोये हैं इस तरह कि किनारे का कुछ पता नहीं,
नहीं बाँधना है अपने आपको बंधनों से, पर बाँधे बीना अपने आपको रहते नहीं ।
बदलते-बदलते भी बदल पाते नहीं, देते देते तुझे कुछ दे पाते नहीं