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Hymn No. 4384 | Date: 22-Mar-20032003-03-222003-03-22समय चले कैसी चाल रे भैया, समय चले कैसी चालSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=samaya-chale-kaisi-chala-re-bhaiya-samaya-chale-kaisi-chalaसमय चले कैसी चाल रे भैया, समय चले कैसी चाल,
लगे इसमें साँस लेना भी दुसवार, समय चले कैसी चाल…
भरता जाये अखियों में अमीट इंतज़ार, समय चले कैसी चाल….
बताके बता ना पायें हम अपना हाल, समय चले कैसी चाल…
चाह के पार ना कर पायें, ये अनदेखी दीवार, समय चले कैसी चाल…
विषमता का बढ़ता जाये भार, हरपल समय चले…
भूलना चाहें अपने आपको, पर भूल ना पाये कि समय…
दास्तायें दर्द छेड़े बेसुरा आलाप कि समय चले….
कभी दीवानगी तो कभी आवारगी के छलकाये ये तो जाम
ना थके ना हारे, रोके किसीके ना रुके देखो समय ।
समय चले कैसी चाल रे भैया, समय चले कैसी चाल