View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2121 | Date: 25-May-19971997-05-251997-05-25बरस जा तू प्यार बनकर, छा जा मुझपर बाहर बनकरSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=barasa-ja-tu-pyara-banakara-chha-ja-mujapara-bahara-banakaraबरस जा तू प्यार बनकर, छा जा मुझपर बाहर बनकर,
रहे मेरे लबपर सिर्फ नाम तेरा, मुझे इस तरह अपने दिल में बसा ले।
आ जा पास मेरे तू मेरा साथी बनकर, उभार ले मुझे मझधार से माँझी बनकर,
प्रभु ना कर देर अब और तू, मुझे अब अपने रंग में रंग दे।
साँसों में बस जा सरगम बनकर, होठों पर छा जा गीत बनकर,
ले ले दिल मेरा तू कर दे अपना दिल तू मेरे हवाले।
ना कर अनजानों-सा व्यवहार, ना बन अनजान तू सबकुछ जानकर,
कमी है मुझमें जो भी कर दे पुरी, मुझे अपने लायक तू बना दे।
माना कुछ अभिमानी हूँ में तो, मुझे नम्रता के गुण दे दे,
ना अब प्यास बढ़ा, बरस जा दिल की धरती पर मीठी फवार बनके।
बरस जा तू प्यार बनकर, छा जा मुझपर बाहर बनकर