View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1811 | Date: 12-Oct-19961996-10-121996-10-12बिखरे-बिखरे खयाल है, उलझे-उलझे सवाल हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=bikharebikhare-khayala-hai-ulajeulaje-savala-haiबिखरे-बिखरे खयाल है, उलझे-उलझे सवाल है,
पाए तो पाए कैसे अपनी मंजिल कि हमारा ये हाल है|
बिखर गए है हमारे खयाल कुछ इस तरह, कि इन्हें समेटना ना आसान है|
पाए जवाब एक का तो क्या, यहाँ तो सैकड़ों सवाल है।
ना कोई लक्ष्य है ना कोई राह, अपनी कश्ती तो हर लहर पर सँवार है।
कैसे पाए किनारा हम, कि जहाँ लहेरों से इतना लगाव हैं|
तंग हो जाते है हम अपने ऐसे हाल से, पर जिसका पास हमारे ना इलाज है|
चाहतें होती एक तो कोई बात कहाँ, पर यहाँ तो चाहतों का लंगर हैं|
अब ऐसे हाल में आए है पास तेरे खुदा, कि हम भी चाहते अपना कल्याण है|
कब तक रहेंगे पास तेरे, बस इसी बात से अनजान है, कि बिखरे ...
बिखरे-बिखरे खयाल है, उलझे-उलझे सवाल है