View Hymn (Bhajan)

Hymn No. 1864 | Date: 08-Nov-19961996-11-08चाहते किसीकी कब रूकी है,चाहते किसीकी कब रूकेगीhttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=chahate-kisiki-kaba-ruki-haichahate-kisiki-kaba-rukegiचाहते किसीकी कब रूकी है,चाहते किसीकी कब रूकेगी,

ऐसी चाहतो के पीछे भागे हम, तो जिंदगी हमारी कहाँ रूकेगी|

बदले कई जन्म फिर भी हमने अपनी मंजिल नही पाई है,

पाएँगे कब और कैसे अपनी मंजिल कहना ये मुश्किल है|

ठानी नही है जहाँ मंजिल कि वहाँ सैकड़ों मंजिलें है हमारी,

अपनी हर इच्छा को कहे हम अपनी मंज़िल, ये है हालत हमारी।

नहीं रूकी है, ना रूकेगी ये इच्छाओं की कतारें कभी,

चाहते हुए भी नही मिलेगी सही मंजिल हमें तो हमारी।

बढ़ती चाहते हमारी तो, बन गई है हमारी लाइलाज बीमारी,

आए है अब प्रभु तेरे शरण में विनती तू सुन तो हमारी,

है शुरूआत जहाँ जिसकी वही पर है अंत उसका, तेरे पास है प्रभु हमारी दवाई।

चाहते किसीकी कब रूकी है,चाहते किसीकी कब रूकेगी

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चाहते किसीकी कब रूकी है,चाहते किसीकी कब रूकेगी,

ऐसी चाहतो के पीछे भागे हम, तो जिंदगी हमारी कहाँ रूकेगी|

बदले कई जन्म फिर भी हमने अपनी मंजिल नही पाई है,

पाएँगे कब और कैसे अपनी मंजिल कहना ये मुश्किल है|

ठानी नही है जहाँ मंजिल कि वहाँ सैकड़ों मंजिलें है हमारी,

अपनी हर इच्छा को कहे हम अपनी मंज़िल, ये है हालत हमारी।

नहीं रूकी है, ना रूकेगी ये इच्छाओं की कतारें कभी,

चाहते हुए भी नही मिलेगी सही मंजिल हमें तो हमारी।

बढ़ती चाहते हमारी तो, बन गई है हमारी लाइलाज बीमारी,

आए है अब प्रभु तेरे शरण में विनती तू सुन तो हमारी,

है शुरूआत जहाँ जिसकी वही पर है अंत उसका, तेरे पास है प्रभु हमारी दवाई।



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


cāhatē kisīkī kaba rūkī hai,cāhatē kisīkī kaba rūkēgī,

aisī cāhatō kē pīchē bhāgē hama, tō jiṁdagī hamārī kahām̐ rūkēgī|

badalē kaī janma phira bhī hamanē apanī maṁjila nahī pāī hai,

pāēm̐gē kaba aura kaisē apanī maṁjila kahanā yē muśkila hai|

ṭhānī nahī hai jahām̐ maṁjila ki vahām̐ saikaḍa़ōṁ maṁjilēṁ hai hamārī,

apanī hara icchā kō kahē hama apanī maṁja़ila, yē hai hālata hamārī।

nahīṁ rūkī hai, nā rūkēgī yē icchāōṁ kī katārēṁ kabhī,

cāhatē huē bhī nahī milēgī sahī maṁjila hamēṁ tō hamārī।

baḍha़tī cāhatē hamārī tō, bana gaī hai hamārī lāilāja bīmārī,

āē hai aba prabhu tērē śaraṇa mēṁ vinatī tū suna tō hamārī,

hai śurūāta jahām̐ jisakī vahī para hai aṁta usakā, tērē pāsa hai prabhu hamārī davāī।
Explanation in English Increase Font Decrease Font

Needs someone's when to stop, needs someone's when will stop

If we run after such desires, then where will our life stop

Changed many births, still we have not found our destinationIt is difficult to say when and how you will find your destination

Where the destination is not fixed, there are hundreds of destinaton

Tell our every wish we our destination, this is our condition

The queues of wishes never stop and they will never stop

We will not get the right destination even if we want

Our increasing needs has become our incurable disease

Now the Lord has came to take refuge,if you listen to our request

Where the beginning of once is, his end is also there,

You have the Lord our medicine