View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1861 | Date: 06-Nov-19961996-11-061996-11-06गम के सागर में डूबनेवाले खुशी में नही खेल पाते हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=gama-ke-sagara-mem-dubanevale-khushi-mem-nahi-khela-pate-haiगम के सागर में डूबनेवाले खुशी में नही खेल पाते है,
दिल में हो जब तक गम छूपा, तब तक वह खुश रह नही पाते है|
कभी-कभी तो होता है ऐसा कि वह खुशी झेल नही पाते है,
हो वजह कुछ भी, पर वक्त आने पर अपना रंग दिखा देते है|
ना पा सकते है खुद खुशी, ना किसीको खुशी में झूमने देते है,
रहे उनके संग सब गम में डूबे-डूबे यही वे चाहते है|
भूलकर सारी बातें वह अपनी जिद पर ही अटक जाते है,
खुद तो होते ही है मज़बूर पर सबको मज़बूर वह बना देते है|
भूलकर जिंदगी में प्यार कि बातें, वह कुछ अजीब बातें करते है,
चाहे टूटे किसीका दिल तो टूटे, इसकी परवाह वे ना करते है|
खुद गुजर रहे है वही राह से गुजरे सभी ये चाहते है,
आखिर में अपने अहंकार के वश, वे खाली ही हो जाते है|
गम के सागर में डूबनेवाले खुशी में नही खेल पाते है