View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4375 | Date: 04-Nov-20022002-11-042002-11-04छेड़ दो ना फिर कोई नया तरानाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=chheda-do-na-phira-koi-naya-taranaछेड़ दो ना फिर कोई नया तराना,
झूमने लगे मन मस्ती में होकर दीवाना,
संग आप रहें जहाँ, समाँ अपने आप बन जाये मस्ताना,
मिटे इंतज़ार नजरों का, कि जब हो आप का आना,
इजहारे दिल है ये तो, नहीं है ये कोई झूठा फसाना,
कि मिले जिसे दीदारे यार का नज़राना, बन जाये वो .....
पाना, खोना ना रहे वहाँ जहाँ खुद से मिटे ताना बाना,
आपका मिलना बंद कलियों का हो जैसे फूल बनकर खिलना ।
छेड़ दो ना फिर कोई नया तराना