View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1091 | Date: 12-Dec-19941994-12-121994-12-12दिल बहलाना चाहते हैं, पर दिल बहल नही पाता हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=dila-bahalana-chahate-haim-para-dila-bahala-nahi-pata-haiदिल बहलाना चाहते हैं, पर दिल बहल नही पाता है,
साकी आखरी मोड़ पर आते ही हम क्यों एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं?
पाए ना पाए सुकून, की तूफान सा क्यों उठ़ जाता है?
ना की थी तमन्ना जिसकी, हकीकत में आखिर ऐसा क्यों होता है?
हँसते हुए चेहरे के पीछे, दिल क्यों रोता रहता है?
तमन्नाओं के पीछे आखिर दिल क्यों दौड़ता रहता है?
ना होने पर पूरी तमन्ना, दिल निराश क्यों हो जाता है?
निराशा में डूबने पर, ना हम उसे बहला पाते है,
साकी तेरी जगह कोई और ले लेता हैं तब हाल बेहाल हमारा हो जाता हैं,
मिलने की घड़ी में ही हम एक-दूसरे से दूर हो जाते है।
दिल बहलाना चाहते हैं, पर दिल बहल नही पाता है