View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2396 | Date: 25-Mar-19981998-03-251998-03-25दिल चाहे तुझे देखते रहे, फिर भी नजरें झुकानी पड़ती है।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=dila-chahe-tuje-dekhate-rahe-phira-bhi-najarem-jukani-padati-haiदिल चाहे तुझे देखते रहे, फिर भी नजरें झुकानी पड़ती है।
है ये कैसी मजबुरी के तेरे सामने होते हुए भी, जी भरकर तुझे देख नही पाते है।
कैसे समझाए हम हमारे दिल को, हमारा दिल तो रूठता है, हमारी नजरें भी हमसे रूठ जाती है।
मर्जी है क्या इसमें तेरी ऐ खुदा, हम यही समझ नही पाते है।
चाहते है तेरा दीदार हर तरफ, पर अभी इसमें बहुत कमी है।
दिल चाहता है कभी, तुझ देखते रह बस देखते ही रह।
तेरा मस्ती भरा वह चेहरा हमें मदहोश करता है
आदत हो चूकी है हमें तो तेरी, के तेरा नशा किए बिना हम नही रह पाते है।
खामोशी में भी तू मिले, लब्जो में भी तू, तेरे सिवाय ना कुछ हम चाहते है।
हमारी हर एक आह पर भी तेरा नाम, हम लिखना चाहते है।
इसका मतलब ये नही कि हम तुझे फरियाद करना चाहते है, हम तुझे याद करना चाहते है।
दिल चाहे तुझे देखते रहे, फिर भी नजरें झुकानी पड़ती है।