View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2394 | Date: 25-Mar-19981998-03-251998-03-25माना नासमझ तो हम नही, पर फिर भी कुछ समझ पाते नहीं।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=mana-nasamaja-to-hama-nahi-para-phira-bhi-kuchha-samaja-pate-nahimमाना नासमझ तो हम नही, पर फिर भी कुछ समझ पाते नहीं।
बदलते है तेरे इशारे बहुत ही ज़ल्दी, की हम समझ पाते नहीं।
कितना भी सँभाले अपनेआप को, पर हम सँभाल पाते नहीं।
दिल दुखाए बिना किसी का, हम तो रह पाते नहीं।
औरों को तड़पाए चाहे कितना, फिर भी चैन की आस को हम छोड़ते नही।
रूकते भी नही है, फिर भी तेरी रफ्तार को अपना पाते नहीं।
रूके हुए है कुछ इस तरह से, के आगे चल पाते नही, पीछे हटते भी नही।
करते है कोशिश कभी तेरी बात समझने की, पर समझने जैसा समझ पाते नही।
खुद में रहकर वही करते है कोशिश तुझे जानने की, खुद को मिटा पाते नही।
इसलिए शायद फँसे है मझधार में, इस पार भी नही उस पार भी नही।
माना नासमझ तो हम नही, पर फिर भी कुछ समझ पाते नहीं।