View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4180 | Date: 20-Jul-20012001-07-202001-07-20गडे हुए मुर्दे उखाड़ने में ही वक्त बिताओगे कि कुछ नया करोगे ?Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=gade-hue-murde-ukhadane-mem-hi-vakta-bitaoge-ki-kuchha-naya-karogeगडे हुए मुर्दे उखाड़ने में ही वक्त बिताओगे कि कुछ नया करोगे ?
जो हो चुका, वो हो चुका, उसे कितनी बार याद करोगे।
फरियादों और इल्जामों की ये भाषा बोलना छोड़ोगे,
गुजरा वक्त वापस नहीं आयेगा, कब तक नया वक्त बरबाद करोगे ?
कुछ दो चार बातों को कब तक दोहराते फिरोगे ?
के दिल के जख्मों को क्यों तुम नासूर बनाके छोड़ोगे ?
आखिर कब वक्त का सही इस्तमाल करना सिखोगे ?
कब जीवन में पल पल की पहचान की कीमत उसका उपयोग करोगे ?
छोड़कर इसकी उसकी आखिर कब अपनी ओर देखोगे ?
अपनी शुरुआत की शुरुआत आखिर तुम कब करोगे ?
गडे हुए मुर्दे उखाड़ने में ही वक्त बिताओगे कि कुछ नया करोगे ?