View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4377 | Date: 05-Nov-20022002-11-052002-11-05हस्ती मेरी मिट जायेगी, कश्ती मेरी डूब जायेगीSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=hasti-meri-mita-jayegi-kashti-meri-duba-jayegiहस्ती मेरी मिट जायेगी, कश्ती मेरी डूब जायेगी,
माँ मेरी, तू जो मुझसे रूठ जायेगी।
उलझनें मेरी कैसी सुलझ पायेंगी, हस्ती .....
दिल की बातें फिर कैसे जुबां दहोरा पायेगी,
हिम्मत और साहस कैसे हम फिर जुटा पायेगे,
बिन तेरे मैं कुछ भी नहीं, तुझ बिन मैं ना कुछ कर पाऊँगी,
तेरे दम से मेरी दुनिया, तेरे दम से मेरी खुशियाँ,
मन का महकना दिल का बहकना सबकुछ बंद हो जायेगा ।
हस्ती मेरी मिट जायेगी, कश्ती मेरी डूब जायेगी