View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1214 | Date: 28-Mar-19951995-03-281995-03-28इच्छाओं का चलता ना जोर होता, तो ना कोई मजबूर होताSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ichchhaom-ka-chalata-na-jora-hota-to-na-koi-majabura-hotaइच्छाओं का चलता ना जोर होता, तो ना कोई मजबूर होता,
होते मुक्त सभी इस संसार में ना कोई बंदी होता।
कुदरत के इस कानून का ना फिर कोई कायदा होता,
सुख-दुःख से भरी फिर ना कोई बात, होती सबकी एक दास्तान।
जीवन हर एक के पास आनंद के सिवायय ना कुछ होता,
ना होता यह संसार, शायद ना मोह-माया का बीज होता।
ना होती किसकी मौत यहाँ बार-बार, हर कोई अमर रहता,
ना होता कोई किसीसे दूर, सभी एक-दूसरे के पास होते।
ना इसके ना उसके हर कोई यहाँ प्रभु प्यार में खोया होता,
जग जाता जग यह सारा, ना फिर यहाँ कोई सोया होता।
इच्छाओं का चलता ना जोर होता, तो ना कोई मजबूर होता