View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1876 | Date: 24-Nov-19961996-11-241996-11-24जहाँ से शुरु हुआ है वही पर ही खत्म होगाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=jaham-se-shuru-hua-hai-vahi-para-hi-khatma-hogaजहाँ से शुरु हुआ है वही पर ही खत्म होगा,
पाएँगे जब हम अपनी मंजिल, तब अपना किस्सा तमाम होगा|
तब तक जो चालू है, वो ही सिलसिला चालू रहेगा|
भटक रहे है हम, ये भटकना हमारा यूँ ही जारी रहेगा|
नहीं पाएँगे जब तक सच्ची राह तब तक कुछ भी ना बदलेगा|
कारवाँ ये जिंदगी का तब तक ना खत्म होगा|
बितेंगे कई दिन-रात फिर भी कुछ फर्क हम में ना होगा|
दो चार आसूँ बहाने से हमें चैन ना मिलेगा|
पाएँगे सुकून तो तब, की मंजिल पर अपना भरोसा जब होगा|
ना होंगे हम बेघर-बेसहारा पाएँगे जब अपनी मंजिल, तब अपना ...
जहाँ से शुरु हुआ है वही पर ही खत्म होगा