View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1679 | Date: 11-Aug-19961996-08-111996-08-11जीते जी मुझे मार डालेगी तेरी खामोशी, मुझे मार ड़ालेगी तेरी खामोशी।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=jite-ji-muje-mara-dalegi-teri-khamoshi-muje-mara-daalegi-teri-khamoshiजीते जी मुझे मार डालेगी तेरी खामोशी, मुझे मार ड़ालेगी तेरी खामोशी।
सह सकता हूँ सबकुछ मैं, पर तेरी खामोशी मुझसे ना सही जाएगी।
कर रही हूँ जो काज वह मैं पुरा ना कर पाऊँगी,
रहा अगर तू यूँ ही चुप, तो मेरी तो साँसे ठहर जाएगी।
है तेरे प्यार भरे बोल ही मेरे जीवन का नशा, बिन नशा मैं तो मर जाऊँगी,
कहेती हूँ मैं सच ए खुदा, तू आजमा के देख ले, कि ना मैं जी पाऊँगी।
है जान तू मेरी जाँ से बिछड़ के भला, जिस्म कि जिंदगी क्या होगी,
अगर तुझे खामोश रहना है, तो यही सही, पर मेरे दिल की धड़कन ठहर जाएगी।
भूल जाऊँगी मैं सबकुछ, कुछ इसतरह पागल मैं हो जाऊँगी,
जानता है तू सबकुछ पर तेरा ये इम्तिहान तुझको ही भारी पड़ जाएगा।
जीते जी मुझे मार डालेगी तेरी खामोशी, मुझे मार ड़ालेगी तेरी खामोशी।