View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4318 | Date: 17-Nov-20012001-11-172001-11-17कभी तन्हा, कभी किसीका साथ लेकर चलता ये आदमीSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kabhi-tanha-kabhi-kisika-satha-lekara-chalata-ye-adamiकभी तन्हा, कभी किसीका साथ लेकर चलता ये आदमी,
कभी खुशी तो कभी गम का मातम मनाता ये आदमी,
ठाने तो सबकुछ करने की हैसीयत रखने वाला ये आदमी,
कुछ इरादों, कुछ वादों, कुछ जज़बातों से बना ये आदमी,
समझदारी से भरा, पर नादानी का जाम छलकाता ये आदमी,
खुदा का बनाया एक हसीन खिलौना, खेल नये नये दिखलाने वाला ये .....
कभी खुद पर तो कभी औरों पर सितम ढाता हुआ ये आदमी,
कहाँ से आया? क्यों है आया? कुछ चंद सवालों में खेलता ये आदमी,
कुछ पाने की तमन्ना में सदा ही खोता हुआ मजबूर ये आदमी,
इस दुनिया को दुनिया कहलानेवाला है ये आदमी,
और तो और, क्या खुदा की पहचान देने वाला है ये, यही आदमी ।
कभी तन्हा, कभी किसीका साथ लेकर चलता ये आदमी