View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2383 | Date: 17-Mar-19981998-03-171998-03-17कहना चाह रहा है तू कुछ, पर मैं समझ नही पा रहाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kahana-chaha-raha-hai-tu-kuchha-para-maim-samaja-nahi-pa-rahaकहना चाह रहा है तू कुछ, पर मैं समझ नही पा रहा,
कब से कह रहा है तू कुछ, पर मैं सुन नही रहा।
चाहता हूँ सुनना समझना तेरी बात को, फिर भी यह नही हो रहा,
पता नही मेरी कौनसी खता कि सजा मैं भुगत रहा।
तेरी आँखों की गहरायों में मैं डूबकर भी डूब नही रहा,
तड़प रहा हूँ दर्द में, पर तुझे मैं नही पुकार रहा।
तोड़ना चाहता हूँ इस खामोशी की दीवार को, पर कामियाबी नही पा रहा,
करुँ तो क्या करुँ, के समझ मुझे कुछ नही आ रहा।
उतरना चाहता हूँ तेरे दिल की गहराई तक, पर उतर नही पा रहा,
बढना है आगे, पर कदम अपना आगे बढ़ा नही रहा।
कहना चाह रहा है तू कुछ, पर मैं समझ नही पा रहा