View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2382 | Date: 17-Mar-19981998-03-171998-03-17नाराज रहना, नाखुश रहना, प्रभु तेरी इच्छा का अनादर करना ही तो है।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=naraja-rahana-nakhusha-rahana-prabhu-teri-ichchha-ka-anadara-karana-hiनाराज रहना, नाखुश रहना, प्रभु तेरी इच्छा का अनादर करना ही तो है।
खिन्न होकर जीना, मतलब तेरी इच्छा का अस्वीकार करना ही तो है।
जब कि स्वीकारना है सबकुछ तेरा दिया, फिर भी ये अस्वीकार ही तो है।
ना मिली खुशी हमें जो कोई पल, मतलब अपनी इच्छाओं को हमने ना छोड़ा है।
करते हो प्यार चाहे तुझे कितना भी, फिर भी अपनी इच्छाओं को ना छोड़ पाए है।
भले कहते है तुझे समर्थ, पर तेरी समर्थता को पूर्ण रूप से ना जाना तो है।
अगर जानते तो नाराज़गी को ना अपनाते, फिर खुशी में खुश रहना तो है।
पर क्या करे? हाल है हमारे कुछ ऐसे, के कुछ चाहते है, पर पता नही क्या करना है?
याद करना है इतना तुझे, के अपनी याद को सदा के लिए हमें मिटाना है।
पता नही कब करेंगे शुरूआत, पर प्रभु हमें तुझे प्यार करना तो है।
नाराज रहना, नाखुश रहना, प्रभु तेरी इच्छा का अनादर करना ही तो है।