View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1266 | Date: 20-May-19951995-05-201995-05-20कहते है कि है इरादे हमारे तो बहुत बुलंदSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kahate-hai-ki-hai-irade-hamare-to-bahuta-bulandaकहते है कि है इरादे हमारे तो बहुत बुलंद,
पर आने पर हवा की तेज लपटे वे टूट जाते है ।
इरादे हमारे हमसे छूट जाते है, टूट जाते है,
फिर भी रहते है इसी खयाल में कि इरादे हमारे बुलंद है ।
बुलंद इरादों की बुलंदी है तब तक जब तक लगी ना कोई ठेस है,
लगने पर कोई ठेस हमें, वही पर टूटे हमारे खयालों के महल है ।
अपनी बात को निखारने में तो हम बहुत ही होशियार है,
झूठी शानो-शौकत के पीछे रहे है भागते ना अपनी औकात का अंदाज है ।
ढूँढते रहे है कमजोरियाँ औरों में, ना अपनी कमजोरी का अंदाज है,
कमजोर इरादे खुद के लगते कितने बुलंद है ।
कहते है कि है इरादे हमारे तो बहुत बुलंद